Bihar Board Class 8 Science Chapter 1 Notes दहन (Combustion) एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें किसी पदार्थ का ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करने पर ऊर्जा का उत्पादन होता है। इस प्रक्रिया में ऊष्मा और प्रकाश उत्सर्जित होते हैं।

ज्वाला (Flame) दहन की एक दृश्य अभिव्यक्ति है, जो जलते हुए पदार्थ के आसपास दिखाई देती है। इस लेख में, हम दहन और ज्वाला के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
Bihar Board Class 8 Science Chapter 1 Notes – दहन एवं ज्वाला चीजों का जलना
दहन क्या है?
दहन एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें किसी पदार्थ का ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करने पर ऊष्मा और प्रकाश का उत्सर्जन होता है। यह प्रक्रिया तीव्र होती है और अक्सर आग का रूप ले लेती है।
दहन के प्रकार:- पूर्ण दहन (Complete Combustion):
- इसमें ईंधन पूरी तरह से जलता है और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) तथा जल (H2O) का उत्पादन होता है।
- यह प्रक्रिया अधिक ऊष्मा और न्यूनतम प्रदूषण उत्पन्न करती है।
- उदाहरण: घरेलू गैस स्टोव में दहन।
अपूर्ण दहन (Incomplete Combustion):
- इसमें ईंधन पूरी तरह से नहीं जलता और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और कालिख (Soot) जैसे अवांछित उपोत्पाद बनते हैं।
- यह प्रक्रिया कम ऊष्मा उत्पन्न करती है और अधिक प्रदूषण फैलाती है।
- उदाहरण: वाहन के इंजन में अपूर्ण दहन।
ज्वाला :- ज्वाला दहन की एक दृश्य अभिव्यक्ति है। यह वह क्षेत्र होता है जहां गैसें और वाष्पित पदार्थ जलते हैं और प्रकाश उत्पन्न करते हैं। ज्वाला का रंग और आकार कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे ईंधन का प्रकार, ऑक्सीजन की उपलब्धता और तापमान।
ज्वाला के प्रकार:- प्रकाशित ज्वाला (Luminous Flame):
- यह पीले रंग की होती है और अपूर्ण दहन का संकेत देती है।
- इसमें कालिख के कण होते हैं जो जलते हुए प्रकाश उत्पन्न करते हैं।
- उदाहरण: मोमबत्ती की ज्वाला।
गैर-प्रकाशित ज्वाला (Non-luminous Flame):
- यह नीले रंग की होती है और पूर्ण दहन का संकेत देती है।
- इसमें कम कालिख होती है और यह अधिक ऊष्मा उत्पन्न करती है।
- उदाहरण: गैस स्टोव की ज्वाला।
दहन के लिए आवश्यकताएँ:P- दहन प्रक्रिया के लिए तीन मुख्य तत्व आवश्यक होते हैं, जिन्हें “आग त्रिकोण” कहा जाता है:
ईंधन (Fuel):
- दहन प्रक्रिया के लिए ईंधन आवश्यक है, जो जलने योग्य पदार्थ होता है। यह ठोस, तरल या गैस के रूप में हो सकता है।
- उदाहरण: लकड़ी, पेट्रोल, गैस।
ऑक्सीजन (Oxygen):
- ऑक्सीजन दहन के लिए आवश्यक होती है। यह वायुमंडल में लगभग 21% मात्रा में पाई जाती है।
- बिना ऑक्सीजन के दहन नहीं हो सकता।
ताप (Heat):
- दहन प्रक्रिया को शुरू करने के लिए एक न्यूनतम तापमान आवश्यक होता है, जिसे “प्रज्वलन तापमान” (Ignition Temperature) कहा जाता है।
- जब ईंधन प्रज्वलन तापमान तक पहुंचता है, तब दहन शुरू होता है।
दहन की प्रक्रिया:- दहन की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
प्रज्वलन (Ignition):
- प्रज्वलन तापमान तक पहुंचने पर ईंधन और ऑक्सीजन की प्रतिक्रिया शुरू होती है।
- यह प्रतिक्रिया तेजी से होती है और ऊष्मा तथा प्रकाश उत्पन्न होता है।
दहन (Combustion):
- प्रतिक्रिया जारी रहती है और अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है, जिससे दहन की प्रक्रिया को बनाए रखा जाता है।
- ईंधन और ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन तब तक चलता रहता है जब तक कि ईंधन समाप्त नहीं हो जाता।
शमन (Extinction):
- जब ईंधन समाप्त हो जाता है या ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है, तो दहन की प्रक्रिया रुक जाती है।
- ऊष्मा और प्रकाश का उत्सर्जन बंद हो जाता है।
दहन के उत्पाद:- दहन के उत्पाद दहन प्रक्रिया के प्रकार और ईंधन के प्रकार पर निर्भर करते हैं। सामान्यत: दहन के उत्पादों में शामिल होते हैं:
कार्बन डाइऑक्साइड (CO2):
- यह पूर्ण दहन का मुख्य उत्पाद होता है।
- यह वातावरण में सामान्य रूप से पाया जाता है और पौधों के लिए आवश्यक होता है।
जल वाष्प (H2O):
- दहन के दौरान हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से जल वाष्प बनता है।
- यह वातावरण में घुल जाता है और बादल बनाता है।
कार्बन मोनोऑक्साइड (CO):
- यह अपूर्ण दहन का उत्पाद होता है।
- यह एक विषैला गैस है और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।
कालिख (Soot):
- यह अपूर्ण दहन का ठोस अवशेष होता है।
- यह वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारण होता है और सांस संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
दहन के प्रभाव:- दहन के विभिन्न प्रभाव होते हैं, जिनमें से कुछ लाभकारी और कुछ हानिकारक होते हैं:
लाभकारी प्रभाव:
- दहन ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। इससे हमें ऊष्मा और प्रकाश मिलता है।
- उद्योगों में ऊर्जा उत्पादन के लिए दहन का व्यापक उपयोग होता है।
- दहन से उत्पन्न ऊष्मा का उपयोग खाना पकाने, धातु गलाने और बिजली उत्पादन में होता है।
हानिकारक प्रभाव:
- दहन से वायु प्रदूषण होता है। कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड्स और कालिख वायु को प्रदूषित करते हैं।
- अपूर्ण दहन से उत्पन्न प्रदूषक मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
- दहन से उत्पन्न ग्रीनहाउस गैसें ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती हैं।
दहन के नियंत्रण के उपाय:- दहन के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए विभिन्न नियंत्रण उपाय अपनाए जा सकते हैं:
पूर्ण दहन सुनिश्चित करना:
- दहन प्रक्रिया को पूर्ण दहन की ओर निर्देशित करने के लिए उचित ऑक्सीजन की आपूर्ति और उच्च तापमान बनाए रखना आवश्यक है।
- इससे प्रदूषकों का उत्पादन कम होता है और ऊर्जा उत्पादन अधिक होता है।
स्वच्छ ईंधन का उपयोग:
- स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल ईंधन का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि प्राकृतिक गैस, जैव ईंधन और इलेक्ट्रिक ऊर्जा।
- यह वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक होता है।
प्रदूषण नियंत्रण उपकरण:
- उद्योगों और वाहनों में प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों का उपयोग करना चाहिए, जैसे कि कैटेलिटिक कन्वर्टर, इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रिसिपिटेटर और बग फिल्टर।
- यह उपकरण वायु में प्रदूषकों को कम करते हैं और वायु गुणवत्ता में सुधार करते हैं।
निष्कर्ष
दहन और ज्वाला की प्रक्रिया हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह न केवल ऊर्जा का मुख्य स्रोत है बल्कि विभिन्न उद्योगों और घरेलू उपयोग में भी सहायक है। हालांकि, दहन के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए उचित नियंत्रण उपाय अपनाना आवश्यक है। इस लेख में, हमने दहन और ज्वाला के विभिन्न पहलुओं को समझा, जो बिहार बोर्ड कक्षा 8 के छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगा।
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